बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए - बी. आर. अम्बेडकर

स्वामी विवेकानंद के सपनो का आदर्श युवक




दोस्तो आज हम स्वामी विवाकानंद के बारे में जानेंगे
स्वामी विवेकानंद के सपनो का युवक चाहिये ऐसा !
चेहरे पार तेज है

देह में शक्ती है

मन में उत्साह है

बुध्दी  में विवेक है

हुद्य में करुणा है

मातृभूमी पार प्रेम है

इंद्रिया पर संयम है

मन जिसका स्थिर है

आत्मविश्वास दुढ है

इच्छाशक्ती प्रबल है

स्वभाव जिसका नम्र है

सिंह जैसा निर्भय है

ध्येय जिसका उच्चां है

सत्य जिसका ईश्वर है

व्यसनो से जो मुक्त है

जीवन में अनुशासन है

वाणी जिसकी मधुर है

जातीभेद से परे है

गुरुजनो का आदर है

मात-पिता पर श्रद्धा है

दिन-दुखियो का मित्र है

सेवा में जो तत्पर है

ईश्वर में भक्ती है

जीवन में नीती है 

चारित्र्य जिसका शुद्ध है 

वही आदर्श युवक है

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