- भारत के उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद (जन्म- 31 जुलाई, 1880 - मृत्यु- 8 अक्टूबर, 1936) के युग का विस्तार सन 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है। इस युग में भारत का स्वतंत्रता-संग्राम नई मंज़िलों से गुज़रा।
- प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे। बीसवीं शती के पूर्वार्द्ध में जब हिन्दी में काम करने की तकनीकी सुविधाएँ नहीं थीं फिर भी इतना काम करने वाला लेखक उनके सिवा कोई दूसरा नहीं हुआ।
प्रेमचंद
भारत के पशु पक्षी
साँचा:भारत पृष्ठ पशु पक्षी
वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी
सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं। भारत कई प्रकार के जंगलों जीवों का, अनेक पेड़ पौधों और पशु-पक्षियों का घर है। शानदार हाथी, मोर का नाच, ऊँट की सैर, शेरों की दहाड़ सभी एक अनोखे अनुभव है। यहाँ के पशु पक्षियों को अपने प्राकृतिक निवासस्थान में देखना आनन्दायक है। भारत में जंगली जीवों को देखने पर्यटक आते हैं। यहाँ जंगली जीवों की बहुत बड़ी संख्या है। भारत में 70 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 400 जंगली जीवों के अभयारण्य है और पक्षी अभयारण्य भी हैं।
बल्ब का खरगोश
अगर घर पर एक सुन्दर खरगोश बनाना चाहते हो तो यह आजमाओ।
तुम्हें चाहिए : फ्यूज बल्ब, रुई, गोंद, काली मिर्च के दाने, कैंची, कुछ बिन्दियां। एक बल्ब लेकर उस पर पूरी तरह रूई चिपकाओ। उसका कोई हिस्सा खुला नहीं रहना चाहिये। खरगोश के मुंह की ओर थोड़ी ज्यादा रुई चिपकाओ। इसके बाद रूई के दो टुकड़ों को कैंची की मदद से खरगोश के कानों के आकार में काटो। इन कानों को खरगोश के सिर पर चिपका दो। इसके बाद खरगोश के पैरों की जगह पर चार रुई के गोले चिपकाओ। एक गोला पूंछ की जगह भी चिपकाओ।
अगर खरगोश की मूंछे बनानी हैं तो मुंह के आगे झाड़ू की पतली सींके या रेशे चिपका दो। आंखों के लिये दो काली मिर्च के दाने चिपकाने होंगे। मुंह की जगह काले या लाल कागज से या फिर एक बड़ी बिन्दी से चन्द्र का आकार काट कर चिपका दो। तुम्हारा खूबसूरत, प्यारा सा खरगोश तैयार है।
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