दोस्तों, सोचिए अगर हमारे दोस्त न होते तो यह दुनिया कितनी बेरंग होती। जिंदगी में खुशियों के रंग भरने वाला हसीन रिश्ता है - दोस्ती।
हम किस घर में जन्म लेंगे, हमारे माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-ताऊ कौन होंगे, कैसे होंगे, इनमें से कुछ भी हमारे हाथों में नहीं है। इन सभी रिश्तों के बंधन में ईश्वर खुद हमें बाँधकर इस धरती पर भेजता है।
इसके बावजूद ईश्वर ने एक ऐसे खूबसूरत रिश्ते की बागडोर पूरी तरह से हमारे हाथों में सौंप दी है, जिसके साथ हमारे जीवन की सारी खुशियाँ और सारे गम जुड़े होते हैं। ईश्वर ने हमें पूरी स्वतंत्रता दी है कि हम अपने दोस्त खुद बनाएँ और यह रिश्ता जैसे चाहे, वैसे निभाएँ।
इस प्यार भरे रिश्ते को सम्मान दिलाने के लिए अमेरिका में कुछ लोगों ने एक दिन दोस्ती के नाम करना तय किया। उनकी कोशिशें रंग लाईं और सन् 1935 में अमेरिका में अगस्त के पहले रविवार को आधिकारिक रूप से फ्रेंडशिप डे (मित्रता दिवस) घोषित किया गया। पिछले 72 सालों में फ्रेंडशिप डे ने अमेरिका की सरहदों को लाँघकर पूरे विश्व में अपना स्थान बना लिया है। जिस तरह से दोस्ती का जज्बा हर दिल में होता है, वैसे ही फ्रेंडशिप डे भी दुनिया के हर मुल्क में मनाया जाने लगा।