सोना प्राचीन काल से ही बहुत महंगा रहा है. उसकी वजह यह है की सोना हमेशा से वैभव की वस्तु रही है, देवी- देवताओ की मुर्तिया सोने की बनायीं जानी है. तो रजा महाराजो के मुकुट भी सोने से बनते रहे है.. इसलिए सोने को लेकर हमेशा से लोगों में आकर्षण रहा है जिससे वह महंगा रहा है.
किसी वस्तु के आकर्षण और महंगा होने के चार बड़े कारन होते है. वह दुर्लभ हो, वह बहुत उपयोगी हो, वह बहुत सुन्दर हो और उस पर सर्दी, गर्मी, हवा, पानी, नमी आदि किसी का असर न पड़ता हो. सोने की साथ ये सारी बातें लागू होती है.
यह दुलर्भ धातु है. इसका रंग और इसकी चमक बेहद आकर्षण है. इस पर किसी भी तरह के कुदरती मोसम का असर नहीं पड़ता और यह बहुत उपयोगी है. इसलिए सोना बहुत महंगा होता है.
सोना प्रकृति में बहुत की कम मात्रा में मिलता है. यह स्वतंत्र व संयुक्त दोनों ही अवस्थाओ में मिलता है. उसके अयस्को से शुध्द सोना हासिल करना बड़ी महँगी प्रक्रिया है. इसलिय सोना बहुत महंगा होता है. वैसे तो समुद्र में भी सोना है.
लेकिन इसे समुद्र से निकलना इसकी मोजुदा कीमत से भी ज्यादा महंगा है. इसलिए नहीं निकाला जाता.
किसी वस्तु के आकर्षण और महंगा होने के चार बड़े कारन होते है. वह दुर्लभ हो, वह बहुत उपयोगी हो, वह बहुत सुन्दर हो और उस पर सर्दी, गर्मी, हवा, पानी, नमी आदि किसी का असर न पड़ता हो. सोने की साथ ये सारी बातें लागू होती है.
यह दुलर्भ धातु है. इसका रंग और इसकी चमक बेहद आकर्षण है. इस पर किसी भी तरह के कुदरती मोसम का असर नहीं पड़ता और यह बहुत उपयोगी है. इसलिए सोना बहुत महंगा होता है.
सोना प्रकृति में बहुत की कम मात्रा में मिलता है. यह स्वतंत्र व संयुक्त दोनों ही अवस्थाओ में मिलता है. उसके अयस्को से शुध्द सोना हासिल करना बड़ी महँगी प्रक्रिया है. इसलिय सोना बहुत महंगा होता है. वैसे तो समुद्र में भी सोना है.
लेकिन इसे समुद्र से निकलना इसकी मोजुदा कीमत से भी ज्यादा महंगा है. इसलिए नहीं निकाला जाता.
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