धुल |
धुल के विषय में अक्सर जो लोग नहीं जानते उनकी यही धरना होती है की यह हमारे किसी काम नहीं आती जबकि धुल हमारे लिए बहुत उपयोगी है.
लेकिन इसकी उपयोगिता समज़ने से पहले यह जानना जरुरी है की धुल आखिर है क्या और यह पैदा कैसे होती है?
धुल सिर्फ मिटटी नहीं होती, वास्तव में प्रत्येक ठोस पदार्थ बहुत ही सुष्म कणों से मिलकर बनता है.
जब ये पदार्थ किसी वजह से बिखर कर बहुत छोटे छोटे टुकडो या कणों में बदल जाते है तो धुल का रूप धारणा कर लेते है यानी धुल किसी भी ठोस पदार्थ का बहुत सुषम रूप है.
संगमरमर को बारीक़ पिस दे तो धुल में बदल जायेगा. लोहे के मोटे गाटर को बड़ी मशीनों से पीसकर धुल में बदला जा सकता है.
इसलिए धुल सिर्फ मिटटी नहीं होती या फिर चाहे यु कहे की धुल भी विभित्र ठोस पदार्थो से ही बनती है.
इसके कई उपयोग है, बादलों में जो जलवाष्प होती है. यह धुल में कणों के कारण ही बूंदों में बदलती है और यह धुल के कणों के कारण ही बूंदों में बदलती है और धरती पर वर्षा होती है.
धुल के कारण सूर्य छिपने के बाद भी दो धंटे तक अँधेरा नहीं होता क्योकि यह वायुमंडल में उपस्थित होती है
और सूर्य किरणों को चारों और परावर्तित करती है.
No comments:
Post a Comment