खुशहालपुर में नारायण नाम का एक अमीर साहूकार था। उसके बेटे को पिता के
पैसों का बड़ा घमंड था।
दिन भर अपने आवारा दोस्तों के साथ घूमते हुए वह
पानी की तरह पैसा बहाने लगा।
मेहनत की कमाई लुटती देख नारायण को चिंता
होने लगी।
उसकी इच्छा थी की राजू बेटा बड़ा हो कर सब कारोबार संभाल ले और
वह अपनी पत्नी के साथ तीर्थयात्रा पर निकल जाए।
एक दिन नारायण ने राजू को बुलाया और कहा, "बेटा शाम तक कुछ कमाकर लाओगे तो
ही तुम्हें रात का खाना मिलेगा। राजू डर गया और रोने लग गया।
राजू सारा
दिन सोचता रहा, लेकिन खाना न मिलने के डर से वह काम ढूढने निकल पड़ा। दो
घंटे बोझ ढोने के बाद उसे एक रुपया नसीब हुआ, जिसे लेकर वह घर पहुंचा और
पिता के सामने रख दिया।
नारायण ने वह रुपया कुए में फेंकने के लिए कहा,
लेकिन राजू छटपटाया। उसने कहा, "आपको पता है इस एक रु . के लिए मेरा कितना
पसीना बहा है। मैं इसे नहीं फेंक सकता। "
अब उसे अपनी गलती का अहसास हो गया। अब उसे
पैसों की कीमत पता चल गई थी। पैसों की कीमत पसीना बहकर ही पता चलती है।
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteI will bookmark your blog and have my children check up here often. I am quite sure they will learn lots of new stuff here than anybody else!
ReplyDeletehttp://winconfirm.com/category/general-knowledge/
बिल्कुल सही स्टोरी है जी, कहते है "जाके पाँव न फटी बेवाई, सो का जाने पीर पराई". प्रेरणादायक हिन्दी कहानियाँ पढ़ने के लिए Soch Apki देखें। धन्यवाद!
ReplyDeleteread short motivational stories in Hindi HindiStories
ReplyDeletevery nice sir, aapke blog se bahut hi jyada inspired hu, isi ko dekh kar mene bhi ek hindi blog banaya hai jaha har chij hindi me avilable hai, aap chahe to ekbar dekh kar bata sakte mera blog kaisa hai Onlinefreehelp.com or thankyou so much :-)
ReplyDeletevery nice sir, aapke blog se bahut hi jyada inspired hu, isi ko dekh kar mene bhi ek hindi blog banaya hai jaha har chij hindi me avilable hai, aap chahe to ekbar dekh kar bata sakte mera blog kaisa hai Onlinefreehelp.com or thankyou so much :-)
ReplyDeletevery nice whatsapp awesome
ReplyDeleteज्ञानवर्धक उत्तम पोस्ट whatsapp awesome
ReplyDelete